आकाश धरा पाताल तक नारियों का डंका है
सामने आए यदि किसी को कोई शंका है
यह महालक्ष्मी, मीरा ,मंदोदरी का स्थान है इसलिए स्वर्ग,
धरा संग पूजनीय भी लंका है
पति को परमेश्वर बनाता शास्त्रों का ज्ञान वही यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता के ढंग का है
आकाश धरा पाताल तक नारियों का डंका है
यहां अर्धनारीश्वर रूप में बराबर नारी का सम्मान है
आज पौरुष पुरुष का ढह रहा
यह रंग किस संग का है
कृपया सामने आए यदि किसी को कोई शंका है