तुम मत भटको के पास हूँ मैं
एक अद्भुत शक्ति का एहसास हूँ मैं
बोझिल मत होना कहीं मत खोना
स्याह अंधेरे का प्रकाश हूँ मैं
जिन कांटो में तुम बिंधे हुए हो
उन्हें निकालने की फांस हूँ मैं
जिन चीजों को तुमने सच माना है
उन सर्व मिथ्याओं का नाश हूँ मैं
जिस तृष्णा में तुम भटक रहे हो
उसे बुझाने की प्यास हूँ मैं
सपनों की बेहिसाब कीमत लगाई
अब मुझ पर लगा के खास हूँ मैं
तुम मत भटको के पास हूँ मैं
थके हारे मुंह से निकले काश तुम्हारे
हाँ वही वही वही “काश” हूँ मैं
यहां हर एक का निवास अलग है
जो रहता हर में वो वास हूँ मैं
जिस क्षण में तू मुझको पाए
उस क्षण का अनूठा प्रयास मैं
मुझ को ढूंढने कहीं मत जा
तेरे अंदर यहीं आस पास हूँ मैं
तुम मत भटको के पास हूँ मैं