अहम् ब्रह्मास्मि

कितना कुछ मान लेते हैं हम
के हां ऐसा ही हुआ होगा
एक कृष्ण हकीकत का होगा
और एक मीरा ने गढ़ा होगा
अगर जान ने चलो तो खेल सारा
खुद का ही रचा होगा
हर कोई मालिक यहां
माहिर अपनी दुनिया बनाने का
किसी ने कृष्ण को विषय बना
किसी ने क्राइस्ट को चुना होगा
जानने चलो तो खेल सारा
खुद का ही रचा होगा
कृष्ण की खोज में कृष्ण ही फिरा यहां
हमको कहीं मीरा कहीं सूर ही दिखा होगा अगर जानने चलो तो खेल सारा
खुद का ही रचा होगा
ये सारा खेल बाहर ,सिर्फ अंदर का इशारा है
इसको देखने वाला निश्चित स्वस्थ ही रहा होगा स्वस्थ हैं
सभी यहां रोग का सिर्फ भ्रम है
जिसने जाना उसने ही अहम् ब्रह्मास्मि कहा होगा
जाने चलो तो खेल सारा खुद का ही रचा होगा
क्योंकि कितना कुछ मान लेते हैं हमके हां ऐसा ही हुआ होगा